2024 यात्रा समय सारणी
लखनऊ और नेपालगंज से कैलाश मानसरोवर यात्रा अब हेलीकाप्टर द्वारा केवल 09 दिन में पूर्ण की जा सकती है। यह मार्ग कैलाश मानसरोवर यात्रा में आने वाली बहुत सी कठिनाईओ को कम तो करता ही है साथ साथ समय की भी बचत करता है। लखनऊ से नेपालगंज केवल 4 से 5 घंटे की दुरी पर स्थित है। लखनऊ से नेपालगंज की दुरी सड़क मार्ग द्वारा तय की जाती है और फिर यात्रिओ को हवाई जहाज व हेलीकाप्टर की विशेष सुविधाओ द्वारा सिमिकोट के रास्ते हिलसा ले जाया जाता है। सीमा पर सभी कस्टम औपचारिकताओं के समाशोधन के बाद यात्री बस व लैंड क्रूजर द्वारा पुरांग पहुंचते है जो तिब्बत, चीन का एक छोटा और सुंदर सीमावर्ती शहर है। आगे की यात्रा प्राकृतिक दृश्यों का आंनद लेते हुए बस व लैंड क्रूजर द्वारा पूर्ण की जाती है।
09 बजे का समय लखनऊ से नपलगंज प्रस्थान के लिए सुनिश्चित किया जाता है , यात्री दिए वक़्त और बताये हुए स्थान पर एकत्रित होंगे जहाँ से यात्री नेपालगंज के लिए रवाना हो जायेंगे, रास्ते में चाय / कॉफी के लिए रुकने के पश्चात यात्री फिर नेपालगंज की ओर प्रस्थान करेंगे जहां मैक्स हॉलीडेज का कर्मी दल यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था गेस्टहॉउस या होटल में करेगा I
नेपालगंज सिमिकोट और हिलसा के मध्य हवाई मार्ग बहुत ही दुर्गम और अप्रत्याशित है इसलिए यह मार्ग कठिनाइयों से भरा रहता है I कर्मी दल मौसम और फ्लाइट की बुकिंग के अनुरूप यात्री दल को एयरपोर्ट ले जायेंगे जहाँ से यात्री सिमिकोट के लिए रवाना होंगे (सिमिकोट पहुच कर यदि मौसम और आगे का रास्ता साफ़ हुआ तो कर्मी दल उसी समय अगले पड़ाव हिल्सा के लिए हेलीकाप्टर का प्रबंध कर सकते हैं) I रात का भोजन और आराम सिमिकोट के गेस्टहॉउस में I
Optional Tour : An hour mountain flight over the world’s highest mountain peaks can be a feast for the eyes of the travelers. The flight departs at around 06.30am from domestic airport. If you want to take this trip, please book in advance to avoid non-availability of seats.
सुबह का नाश्ता कर जल्दी ही यात्री दल को लेकर हमारे कार्यवाहक दल के सदस्य नेपाल-चीन सीमा पर स्थित आप्रवासन (इमिग्रेशन) स्थल हिल्सा पहुँचने का प्रयास करेंगे I हिल्सा पहुँचने के लिए हेलीकाप्टर का प्रयोग किया जायेगा I आप्रवासन की औरपचारिक्ताओं को पूरा कर यात्री दल चीन में प्रवेश करेगा और अपने अगले गंतव्य तकलाकोट के लिए बस में निकल पड़ेगा I
आज का दिन ताकलाकोट में वातावरण के अनुकूल खुद को ढालने के लिए रखा गया है I आप ताकलाकोट में टहल सकते है, वहां के बाजार में घूमने का आनंद के सकते है अथवा ट्रैकिंग का अभ्यास करके खुद को कैलाश पर्वत की ट्रैकिंग के लिए तैयार कर सकते है I यदि सभी यात्रियों का स्वस्थ्य सही रहा तो चीनी गाइड से सलाह करके पुरे जत्थे को सुबह ही अगले गंतव्य मानसरोवर ले जा सकते है I
Important Remark : As you are staying now travelling in high altitude, there might be some consequences of uneasy feeling with your health, therefore it is advised to all travelers that they drink liquid more as possible that may be in any form of soup, juice, tea, coffee or hot water etc. This will help them in rehydration as well as in improving the breathing system.
आज का दिन यात्रा का बहुत महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि आज हमारी यात्रा हमें पवित्र स्थल मानसरोवर झील पर ले के जाएगी और आज यात्री दल को पवित्र कैलाश पर्वत की प्रथम छवि भी देखने को मिलेगी I नाश्ते के पश्चात यात्री दल कई आप्रवासन प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए मानसरोवर झील के निकट पहुंचेगा I मानसरोवर झील के निकट गेस्टहॉउस में वक़्त बिताये या इस सुन्दर और मनमोहक स्थल की छटाओं को अपने ह्रदय में बसाने के लिए आस पास के क्षेत्र का पैदल भ्रमण भी किया जा सकता है I
सुबह पवित्र मानसरोवर झील में स्नान और पूजा पाठ कर यात्री दल अपने अगले गन्तव्य दारचेन के लिए प्रस्थान करेगा I दारचेन कैलाश पर्वत की परिक्रमा और कई अन्य पवित्र यात्राओं का आरम्भ स्थल है I दारचेन के रास्ते में हम मानसरोवर के दूसरी और राक्षस ताल के दर्शन करेंगे I मानसरोवर झील की पवित्रता के प्रतिकूल राक्षस ताल के जल में स्नान अपवित्र अथवा अशुभ माना जाता है I हमारा पैदल यात्रा का आरंभ स्थल यम द्वार है जहाँ परिक्रमा के लिए घोड़े, याक और पिट्ठू भी किराये पर मिलते हैं I जो यात्री परिक्रमा नहीं कर सकेंगे वह यम द्वार से लौट जायेंगे और बाकी दल के सदस्य अगले पड़ाव देरापुख के लिए अपनी यात्रा आरम्भ करेंगे I 12 किलोमीटर की यह यात्रा अधिक कठिन नहीं है और 4 से 5 घंटे में पूरी की जा सकती है I देरापुख कैलाश पर्वत के उत्तरी मुख के दर्शनों हेतु सबसे समीप स्थान है I यहां से कैलाश जी की छवि देखते ही बनती है I यात्री यहाँ गेस्टहॉउस में विश्राम करेंगे और अपनी इच्छानुसार दर्शनों का लाभ उठाएंगे I अधिक ठंडा मौसम होने के कारण हम जल्द ही अपने अपने बिस्तर में लौट जायेंगे I
Note: If time and situation permits, the guide may take the group further to Zhongba (also known as Dongba) for night stay to minimize the driving time for the following दिन to Lake Mansarovar. Please follow guides instructions.
आज का दिन इस यात्रा का सबसे कठिन दिन है I आज यात्रा का रास्ता लंबा और दुर्गम होने वाला है I सुबह सुबह सूर्य की पहली किरण कैलाश पर्वत को मनमोहक बना देती है I कैलाश जी के स्वर्णिम दर्शन पा के यात्री दल अगले पड़ाव जुथुलपुख के लिए पैदल रवाना हो जाते है I 22 किलोमीटर की इस यात्रा के दौरान हम यात्रा के सबसे ऊँचे पड़ाव डोलमा-ला (5630मी) से होकर गुजरते हैं I डोलमा-ला की चढ़ाई और उतराई दोनों मुश्किल है और पत्थरों से भरी हैं I डोलमा-ला पार करके यात्री पवित्र गौरी कुंड के मनमोहक दर्शनों का लाभ उठाएंगे और जुथुलपुख के लिए अपनी यात्रा जारी रखेंगे I अथक, कठिन और सफलतम प्रयासों के उपरान्त यात्री दल सुन्दर वादियों और प्राकृतिक छटाओं का आनंद लेते हुए जुथुलपुख पहुंचेगा I
Night view of Lake Mansarovar : In the night the travelers may pay a visit to Lake Mansarovar to witness its beauty under the moon light. Though visiting lake in the night is completely safe but it is advisable to go in a group and if possible take a Nepalese Sherpa with you for any required help. Cover yourself properly with warm clothes or blanket as the temperature outside will be cold. Also don’t forget to carry a torch and a whistle.
सुबह जुथुलपुख से 08 किलोमीटर की पैदल सरल मार्ग से यात्रा करते हुए यात्री दल दारचेन वापिस पहुंचेगा I यह कैलाश परिक्रमा का अंतिम पड़ाव है I दारचेन से बस द्वारा 01 घंटे यात्रा करके हम तकलाकोट रुकेंगे I
On reaching Darchen check into the hotel and spend rest of the time relaxing and preparing for the next दिन kora of Mount Kailash. Dinner and night stay at the hotel.
सुबह का नाश्ता कर यात्री दल चीन-नेपाल सीमा पर आप्रवास की औपचारिकताओं को पूर्ण कर नेपाल सीमा में प्रवेश करेगा और सिमिकोट - नेपालगंज के रास्ते हेलीकाप्टर एवं हवाई यात्रा द्वारा यात्री दल लखनऊ वापिस आएगा I लखनऊ से यात्री अपनी अग्रिम यात्रा के लिए प्रस्थान कर जायेंगे I
Important remark : Group members who want to make change in their schedule and do not want to go for trekking may visit Yam Dwar and come back to the hotel at Taklakot. They may ask the guide to arrange for their additional hotel stay in Darchen and can pay for their hotel and other additional expenses directly.
Optional trip from Darchen : It is possible to arrange a visit to Ashtapad from Darchen on request of the pilgrim but please be informed that one should trek from Darchen to Ashtapad and back to Darchen, as there is no transport service permitted by Chinese authorities in this area. The trip to Ashtapad is subject to permission of local authorities and on direct payment basis to Tibetan Guides.
Visit Charan Sparsh from Dirapuk : Charan Sparsh (5475m is 3 kms one side trek from Dirapuk. One can consult with tour guide to take this short trek to touch the feet of Mt. Kailash (considered to be Lord Shiva Himself). This trek is not a part of the package and depends on weather conditions and guide’s advise. (Distance 03 kms / 02 hours one side / very challenging trek)
राष्ट्रीयता | यात्रा खर्च | अन्य शुल्क |
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भारतीय पासपोर्ट धारक | Rs. 215,000 + GST | चीनी वीज़ा - पैकेज में शामिल तिब्बत परमिट - पैकेज में शामिल नेपाल वीज़ा - जरूरत नहीं है यात्रा बीमा - उम्र के अनुसार अतिरिक्त |
यात्रा का महीना | आरंभ करने की तिथि | अंतिम तिथि | बुकिंग |
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मई'2024 | 11 मई | 19 मई | संपर्क करें |
19 मई* | 27 मई | संपर्क करें | |
31 मई | 08 जून | संपर्क करें | |
जून'2024 | 07 जून | 15 जून | संपर्क करें |
17 जून* | 26 जून | संपर्क करें | |
18 जून* | 26 जून | संपर्क करें | |
28 जून | 06 जुलाई | संपर्क करें | |
जुलाई'2024 | 17 जुलाई* | 25 जुलाई | संपर्क करें |
27 जुलाई | 04 अगस्त | संपर्क करें | |
अगस्त'2024 | 15 अगस्त* | 23 अगस्त | संपर्क करें |
24 अगस्त | 01 सितम्बर | संपर्क करें | |
सितम्बर'2024 | 14 सितम्बर* | 22 सितम्बर | संपर्क करें |
23 सितम्बर | 01 अक्टूबर | संपर्क करें | |
अक्टूबर'2024 | 05 अक्टूबर | 13 अक्टूबर | संपर्क करें |
13 अक्टूबर* | 21 अक्टूबर | संपर्क करें |
Note: Dates marked above with (*) are proposed to reach Lake Mansarovar during the Full moon day. It is considered to be more auspicious to take a holy bath here, during full moon time.
Important Remark: All meals on Kailash Mansarovar Yatra will be pure vegetarian. All above services and facilities are subject to availability.
कैलाश मानसरोवर यात्रा की सर्वोत्तम एवं सटीक जानकारी के लिए