5608८ मीटर की ऊंचाई पर डोलमा ला के समीप स्थित गौरी कुंड एक सूंदर और मनमोहक जल स्त्रोत है, जिसे दया का कुंड (या झील) भी कहा जाता है I इस मनमोहक झील के दर्शन कैलाश परिक्रमा के दौरान डोलमा-ला (कैलाश परिक्रमा का सबसे ऊंचा 18600 पड़ाव फुट) से गुजरने के उपरान्त होते है I हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध ग्रन्थ शिव पुराण में इस झील का विवरण पाया जाता जहाँ इस झील के बारे में कई जानकारी प्राप्त है I हिन्दू धर्म में यह झील पार्वती कुंड के नाम से भी जाना जाती है I शिव पुराण के अनुसार यही वह स्थान है जहाँ माता पार्वती ने अपने पुत्र गणेश को धारण किया था I हिन्दू धर्म के मान्यता के अनुसार इसी स्थान पर पार्वती ने साबुन की झाग से गणेश को बनाया और उसमे जीवन डाल गणेश को घर की दहलीज पर बिठाया, जिससे जब माता पार्वती स्नान करें तो कोई अंदर प्रवेश न कर सके I यही वह जगह मानी जाती है जहां शिव भगवान् के अंदर जाने की हठ के उपरान्त भगवान् गणेश ने उन्हें अंदर प्रवेश नहीं करने दिया और फलस्वरूप भगवान् शिव ने उस शिशु का सर काट दिया था I माँ पार्वती ने इसपर क्रोधित हो कर शिव भगवान् को इस बालक को जीवित करने को कहा और तभी प्रभु ने एक हाथी का सर काट कर इस बालक के धड़ पर लगा उसे पुनर्जीवित किया I
तिब्बत की सबसे पवित्र झील और विश्व की सबसे ऊंचाई पर स्थित मीठे पानी की झील मानी जाने वाली झील मानसरोवर, तिब्बत के सुदूर पश्चिमी हिस्से नगरी प्रांत में स्थित है। यह स्थान प्रसिद्ध माउंट कैलाश से ‘ज्यादा दूर नहीं’ माना जाता है।
विवरण देखेंपवित्र माउंट कैलाश की तलहटी में स्थित, मोक्ष द्वार (यम द्वार) कैलाश मानसरोवर यात्रा के सबसे प्रमुख स्थलों में से एक है। इसकी आध्यात्मिक महत्ता में लीन हो जाइए और शांति का अनुभव कीजिए!
विवरण देखेंपशुपतिनाथ एक हिन्दू मंदिर है जो देओपाटन नगर के केंद्र में स्थित है। यह मंदिर एक खुले प्रांगण के मध्य, बागमती नदी के तट पर बना हुआ है। यह गांव काठमांडू से लगभग 4 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित है।
विवरण देखेंपशुपतिनाथ एक हिंदू मंदिर है जो देवपाटन नगर के केंद्र में स्थित है। यह एक खुले आंगन के बीच में बागमती नदी के किनारे बना हुआ है। यह गाँव काठमांडू से लगभग 4 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित है।
विवरण देखेंसतलुज नदी के उत्तरी तट के पास स्थित तीर्थपुरी के गर्म जलस्रोत इस क्षेत्र के बंजर परिवेश को भाप से भर देते हैं। श्रद्धालु आमतौर पर कैलाश यात्रा के बाद तीर्थपुरी आते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि...
विवरण देखेंओम पर्वत एक जादुई और प्रेरणादायक हिमालयी पर्वत शिखर है, जिसकी ऊँचाई लगभग 6191 मीटर है। यह पर्वत उत्तराखंड के धारचूला ज़िले में स्थित है। ओम पर्वत को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे आदि कैलाश, छोटा कैलाश आदि। यह पर्वत अपने शिखर पर प्राकृतिक रूप से बने 'ॐ' चिन्ह के कारण...
विवरण देखेंराक्षसों की झील – राक्षस ताल पवित्र मानसरोवर झील के पश्चिम में, माउंट कैलाश के पास स्थित है। यह झील समुद्र तल से लगभग 4752 मीटर (15,591 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है। राक्षस ताल के उत्तर-पश्चिमी किनारे से ही सतलुज नदी का उद्गम होता है।
विवरण देखेंमुस्तांग जिले में थोरोंग ला पर्वतीय दर्रे के आधार पर स्थित, 3,610 मीटर (11,872 फीट) की ऊँचाई पर स्थित मुक्तिनाथ हिन्दू और बौद्ध दोनों के लिए अत्यंत पूजनीय पवित्र स्थल है।
विवरण देखेंसप्तऋषि गुफाएं माउंट कैलाश की इनर परिक्रमा (आंतरिक परिक्रमा) का एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल मानी जाती हैं। साथ ही, ये गुफाएं कैलाश इनर कोरा के दौरान की जाने वाली सबसे कठिन यात्राओं में से एक मानी जाती हैं।
विवरण देखेंनंदी पर्वत को कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान सबसे महत्वपूर्ण शिखरों में से एक माना जाता है और यह अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है। नंदी पर्वत की यात्रा और ट्रेक केवल कैलाश की इनर कोरा यात्रा के दौरान ही संभव होती है।
विवरण देखेंतिब्बत एक अत्यंत रहस्यमय देश है, जिसमें कुछ ऐसे अद्भुत ऐतिहासिक स्थल स्थित हैं जिन्हें देखकर यकीन करना मुश्किल हो जाता है कि वे वास्तव में अस्तित्व में हैं। इन्हीं में से एक है गुगे साम्राज्य, जिसे तिब्बत के सबसे शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक माना जाता है।
विवरण देखेंपरम भक्तिपूर्ण यात्रा जो भगवान शिव के परम दिव्य धाम — माउंट कैलाश — तक पहुँचने के लिए की जाती है, वह सभी समयों की सबसे कठिन यात्राओं में से एक मानी जाती है। लेकिन इसके फल निस्संदेह अत्यंत शुभ और कल्याणकारी होते हैं।
विवरण देखें